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10 भारतीय महिलाएँ जो अपने क्षेत्र में प्रथम थीं

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भारत का इतिहास उन महिलाओं से भरा है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए स्त्री पुरूष के भेद को मिटाने में कड़ी मेहनत की। राजनीति, कला, विज्ञान, कानून आदि क्षेत्र में आगे आईं। आज हम ऐसी ही कुछ भारतीस महिलाओं के विषय में बताने जा रहे हैं, जो अपने क्षेत्र की प्रथम महिला हैं-
 
 
1. मदर टेरेसा
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त सन 1910 को युगोस्लाविया के स्पोजे नगर में हुआ था। मदर टेरेसा एक कैथोलिक नन थीं। जिन्होंने 1948 में भारत की नागरिकता ली। इन्होंने गरीब, अनाथ और रोगियों की देखभाल के लिए ‘मिशनरीज आफ चैरिटी’ की स्थापना की। जो इनके जीवन काल में 123 देशों में फैल गया। 1979 में ‘नोबेल’ शांति पुरस्कार और 1980 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। 15 सिंतबर 1997 को इनकी मृत्यु हो गई। इनकी मृत्यु के पश्चात पोप जान पाल द्वितीय ने इन्हें संत की उपाधि दी।

 
2. मिताली राज
मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान है। ये टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला हैं। 1999 में मिताली ने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच से अपने खेल की शुरूआत की। जिसमें उन्होंने 114 रन बनाए। वह पहली महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय एक दिवसीय मैच में सात बार अर्द्ध शतक बनाए हैं।


3. इंदिरा गांधी
पं जवाहर लाल नेहरू की पुत्री इंदिरा गांधी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं जो जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। फिर जनवरी 1980 से 1984 तक प्रधानमंत्री रहीं। 31 अक्टूबर 1984 को बेअंत सिंह और सतवंत सिंह नाम के इनके रक्षकों ने इन्हें गोली मार दी।

 
4. किरण बेदी
भारतीय पुलिस की प्रथम वरिष्ठ महिला अधिकारी का नाम किरण बेदी है। ये दिल्ली के खुफिया पुलिस आयुक्त के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं। इन्होंने 1972 में पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य शुरू किया और 2007 में सेवानिवृत्ति ले ली। ये लोकप्रिय टी.वी. शो ‘आपकी कचहरी’ की मेजबान भी रह चुकी हैं। वर्तमान समय में यह पुड्डूचेरी की उपराज्यपाल हैं।

 

5. साइना नेहवाल
साइना नेहवाल विश्व स्तर पर शीर्ष स्थान की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। इस स्थान पर पहुँचने वाली वह प्रथम भारतीय महिला हैं। लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक हासिल करने के पश्चात 2008 में ओलंपिक खेलों में क्वार्टर फाइनल तक पहुँची। इनका विवाह बैडमिंटन खिलाड़ी पी. कश्यप से हुआ है। इन्हें ‘पद्मश्री’ और ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ से सम्मानित किया गया है।

 
6. आनंदी गोपाल जोशी
उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया जिसकी 10 दिन बाद मृत्यु हो गई। तब उन्होंने यह प्रण किया कि वह डॉक्टर बनेंगीं। जिस समय महिलाओं की शिक्षा दूभर थी उन्होंने विदेश जाकर डॉक्टरी की पढ़ाई की। वह भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं।


7. अरूणिमा सिन्हा
अरूणिमा सिन्हा राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी हैं। 12 अप्रैल 2011 को लखनऊ से दिल्ली जाते समय कुछ अपराधियों ने उन्हें ट्रेन से नीचे फेंक दिया, जिसके कारण वह अपना एक पैर गंवा बैठीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाली पहली भारतीय दिव्यांग महिला बनीं।

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8. प्रतिभा पाटिल
19 दिसबंर 1934 को महाराष्ट्र के जलगाँव में जन्म लेने वाली प्रतिभा पाटिल ने कानून की पढ़ाई की। उनका विवाह देवी सिंह शेखावत के साथ हुआ। स्वतंत्र भारत के 60 वर्ष के इतिहास में वह भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।

 
9. रीता फारिया
रीता फारिया का जन्म 1945 में मुबंई में हुआ था। 1966 में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके पश्चात उन्होंने एम.बी.बी.एस. में स्नातक किया और उच्च शिक्षा के लिए लंदन चली गईं। डेविड पावेल से विवाह के पश्चात डबलिन में रहने लगीं।


10. सुष्मिता सेन
19 नवंबर 1975 में हैदराबाद में जन्मी सुष्मिता ने 1994 में मिस इंडिया और ब्रह्मांड सुंदरी का खिताब जीता। ब्रह्मांड सुंदरी का खिताब पाने वाली यह पहली भारतीय महिला हैं। वर्तमान काल में यह हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं।

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