हमारा देश भारत अत्यंत प्राचीन देश है। इसकी सभ्यता और संस्कृति भी बहुत पुरानी है। यहाँ अनेक राज्य हैं। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी एक अलग पहचान है जो भोजन, भाषा, पोशाक से व्यक्त होती है। इन विविधताओं के होते हुए भी संपूर्ण भारत एक है। यहाँ के वासी अनेकता में एकता पर विश्वास रखते हैं। आज हम इन विभिन्न राज्यों की महिलाओं के परिधान के विषय में जानेंगे।
असम- यह राज्य उत्तर-पूर्व में है। यहाँ की महिलाएँ पारंपरिक साड़ी के साथ मेखला पहनती हैं। यह रेशम प्रकार पाट या मगा और एरी का दो टुकड़े का परिधान है।
पंजाब- यहाँ की महिलाएँ पारंपरिक सलवार सूट पहनती हैं। पटियाला सलवार और चूड़ीदार के साथ कढाई वाली कोटी इनकी पोशाक की सुंदरता बढाती है
जम्मू कश्मीर- यहाँ की महिलाएँ गरम सलवार के साथ रेशमी कढाई वाला ‘फिरन’ पहनती हैं। साथ ही सिर पर तारंगा या अबाया नामक कपड़े को बाँधती हैं।
केरल- केरल की महिलाओं का पारंपरिक पहनावा सुनहरे किनारे वाली आॅफ वाइट साड़ी है। इसके साथ वह मुंड नामक परिधान पहनती हैं जिसे कमर से नीचे पहनते हैं तथा ऊपरी हिस्से को ब्लाउज में बाँधते हैं।
आंध्र प्रदेश- यहाँ की महिलाएँ हैंडलूम की साड़ी पहनती हैं जिसका बाॅर्डर रेशम और तारों का होता है। यहाँ की प्रसिद्ध साड़ी कलमकारी साड़ी है।
हरियाणा- यहाँ की पारंपरिक पोशाक घाघरा, चोली और ओढनी है। घाघरे की लंबाई टखने तक होती है।
तमिलनाडू- यहाँ की प्रसिद्ध साड़ी कांजीवरम है। इसके अतिरिक्त यहाँ की महिलाएँ पारंपरिक साड़ी भी पहनती हैं।
गुजरात- गुजरात की महिलाओं की पारंपरिक पोशाक चनिया चोली के नाम से जानी जाती है, जिसमें घाघरा, चोली दुपट्टा होता है।
अरूणाचल प्रदेश- यहाँ की महिलाओं के कमर में बंधे कपड़े को मुशिक कहते हैं जिसके साथ वह बिना आस्तीन की कमीज के साथ जैकेट पहनती हैं जिसे बेल्ट से बाँधा जाता है।
महाराष्ट्र- यहाँ की महिलाएँ चटकीले रंग की नौ गज की साड़ी पहनती हैं। जिसे घुटनों की लंबाई तक धोती स्टाईल में पहना जाता है। इसके साथ वह चोली पहनती हैं।
छत्तीसगढ़- यहाँ की औरतें पोल्खा नामक ब्लाऊज के साथ जो साड़ी पहनती हैं वह काचमोरा शैली की होती है। यह लुगदा के नाम से भी जानी जाती है।
गोवा- यहाँ की महिलाएँ नववारी नामक साड़ी पहनती हैं जो नौ गज की होती है। यह लुंगी भी ब्लाऊज के साथ पहनती हैं।
नागालैंड- यहाँ की स्त्रियों की पोशाक अंगामी है। जिसमें पेटीकोट स्कर्ट और स्लीवलेस टाॅप होता है।
हिमाचल प्रदेश– यहाँ की स्त्रियाँ स्कार्फ और शाॅल के साथ गरम कुरता, घाघरा या लहंगा-चोली पहनती हैं।
झारखंड- यहाँ की स्त्रियाँ पारथन और पंची नामक परिधान पहनती हैं। कुछ महिलाएँ साड़ी और ब्लाऊज पहनती हैं।
मेघालय– यहाँ की स्त्रियाँ मखमली ब्लाऊज के साथ जैनसेन पहनती हैं जिसे शरीर के चारों ओर लपेटा जाता है।
मध्य प्रदेश- यहाँ की महिलाएँ बंधेज की साड़ी अथवा लहंगा चोली लुगरा (ओढनी) के साथ पहनती हैं।
मणिपुर- यहाँ की औरतें फानेक नामक स्कर्ट पहनती हैं जो छाती से चारों ओर लिपटी रहती है इसके साथ जैकेट और शाॅल या दुपट्टा रहता है।
राजस्थान- यहाँ की औरतें घाघरा, कुरती (कंचली) ओढनी के साथ पहनती हैं।
उड़ीसा- यहाँ की महिलाएँ संबलपुरी साड़ी पहनती हैं। साथ ही यहाँ सलवार-सूट भी पारंपरिक पोशाक है।
त्रिपुरा- यहाँ की औरतें रीसा नामक ऊपरी वस्त्र के साथ निचले हिस्से को ढाँकने के लिए रिग्वनाई नामक पोशाक पहनती हैं।
उत्तर प्रदेश– यहाँ की स्त्रियों की पोशाक साड़ी, सलवार-सूट और घाघरा चोली है।
मिजोरम- यहाँ की महिलाएँ सफेद और काले रंग की रंगीली रूपरेखा वाला ‘पुआन’, कावरेची नामक ब्लाऊज के साथ पहनती हैं।
तेलंगाना- यहाँ की महिलाओं की पारंपरिक पोशाक साड़ी, सलवार सूट और वोनियाँ है।
सिक्किम- यहाँ की महिलाएँ रेशमी गाउन रूपी परिधान फुल स्लीवस ब्लाऊज के साथ पहनती हैं।
पश्चिम बंगाल– यहाँ की महिलाओं का पारंपरिक परिधान सफेद रंग की चमकीली लाल बार्डर की साड़ी है।
उत्तराखंड- यहाँ की महिलाओं का पारंपरिक परिधान घाघरा, चोली और ओढनी है।
बिहार- यहाँ की महिलाएँ सीधे पल्लू की साड़ी पहनती हैं।
कर्नाटक– यहाँ की महिलाओं का पारंपरिक परिधान साड़ी है।