बॉलीवुड की दुनिया चकाचौंध से भरी जरूर होती है, लेकिन इसके पीछे छुपे दर्द भरे किस्से भी कम नहीं हैं। ऐसे ही एक नाम हैं – साधना, 60 और 70 के दशक की सुपरहिट और स्टाइलिश अदाकारा, जिनकी ज़िंदगी की शुरुआत जितनी चमकदार थी, अंत उतना ही दर्दनाक रहा।
कपूर खानदान से था गहरा रिश्ता
बहुत कम लोग जानते हैं कि साधना का रिश्ता सीधे कपूर खानदान से जुड़ा था। उनके पिता और एक्ट्रेस बबिता के पिता हरि शिवदासानी सगे भाई थे। इस तरह से साधना, करिश्मा कपूर और करीना कपूर की मासी लगती थीं। साधना न सिर्फ अपने अभिनय के लिए जानी जाती थीं बल्कि अपने अनोखे फैशन सेंस के लिए भी एक ट्रेंडसेटर थीं।

एक रुपये से शुरू हुआ सफर, बनीं सबसे महंगी अदाकारा
साधना को बचपन से ही अभिनय का शौक था। उन्होंने पढ़ाई घर से ही की और बहुत छोटी उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख दिया। राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में उन्होंने बतौर बाल कलाकार अभिनय किया। लेकिन पहचान उन्हें मिली फिल्म ‘लव इन शिमला’ से।
साधना का हेयरस्टाइल, जिसे ‘साधना कट’ कहा जाता है, उस समय का फैशन ट्रेंड बन गया था। उन्होंने चूड़ीदार सलवार का फैशन भी इंडस्ट्री में शुरू किया था। देवानंद के साथ उनकी जोड़ी कई फिल्मों में हिट रही। अपने करियर के चरम पर पहुंचने के बाद, उन्होंने निर्देशक रामकृष्ण नय्यर से शादी की। दोनों की मुलाकात ‘लव इन शिमला’ के सेट पर हुई थी।

शादी के बाद फिल्मों से बनाई दूरी
साधना और नय्यर की शादी के वक्त साधना महज 16 साल की थीं और नय्यर 22 के। हालांकि उनके घरवाले इस शादी के खिलाफ थे, लेकिन राज कपूर की मदद से दोनों की शादी हो गई। शादी के बाद साधना ने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली और निजी जीवन में व्यस्त हो गईं।

अकेलापन, बीमारी और टूटती उम्मीदें
साधना की ज़िंदगी में सबसे बड़ा झटका तब लगा जब 1995 में उनके पति नय्यर का निधन हो गया। दोनों की कोई संतान नहीं थी, जिससे वे बिल्कुल अकेली रह गईं। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्हें थायरॉइड और आंखों की गंभीर समस्याएं होने लगीं, जिसकी वजह से उन्होंने पब्लिक इवेंट्स में जाना भी बंद कर दिया।
धीरे-धीरे उनका फिल्मी दुनिया से नाता खत्म होता गया। उन्हें कानूनी और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन कोई करीबी या फिल्म इंडस्ट्री का सहयोगी उनके पास मदद के लिए नहीं आया।

अंतिम समय में किराए के मकान में रहीं साधना
साधना ने ज़िंदगी के अंतिम साल मुंबई में आशा भोंसले के एक पुराने बंगले में किराए पर रहकर गुजारे। वहां वे पूरी तरह अकेली थीं — न कोई साथ देने वाला और न कोई हाल पूछने वाला।
एक समय की सबसे महंगी अभिनेत्री, जिनके नाम का सिक्का चलता था, उन्हें अंतिम दिनों में मदद के लिए लोगों से गुहार लगानी पड़ी। पर अफ़सोस, कोई उनके पास नहीं आया।

आखिरी अलविदा
25 दिसंबर 2015 को, साधना ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। उनका जाना न सिर्फ एक अदाकारा का अंत था, बल्कि उस फिल्मी दौर की भी विदाई थी जिसमें कला और सादगी का अद्भुत मेल देखने को मिलता था।