हाल ही में सूचना सामने आई है कि युवा लोग गंभीर संकट में हैं यदि वह इस रोग के सीधे संपर्क में आते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ये महामारी कोई हास्य नहीं है।
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हाल ही में सूचना सामने आई है कि युवा लोग गंभीर संकट में हैं यदि वह इस रोग के सीधे संपर्क में आते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ये महामारी कोई हास्य नहीं है।
कई युगल अलग हो रहे हैं और विवाहित दंपत्ति जल्द से जल्द संबंध विच्छेद करने की योजना बना रहे हैं। एक माह से अधिक काल तक अपने घर चैबीसों घंटे रहना कोई सरल बात नहीं है। अपने पर इतना समय देने और कुछ ध्यान विकर्षित होने के कारण लोगों ने अपने अंधकारमय पक्ष, बुरी आदतों और यहाँ तक कि कुछ रहस्यों को प्रकट करना आरंभ कर दिया है।
कोरोना वायरस संगरोध क्वारंटाइन का अर्थ है- स्वयं को पृथक कर लेना। आज संपूर्ण विश्व कोरोना वाइरस के कारण महामारी की चपेट में आ गया है। यह वायरस मौत के सौदागर के रूप में चारों ओर फैल रहा है। इसका अभी तक कोई उपचार नहीं मिला है। रिसर्च के द्वारा यही बात सामने आ रही है कि यदि इस रोग केे प्रसार को रोकना है तो स्वयं को दूसरों से पृथक कर लें अर्थात क्वारंटाइन कर लें। लगभग सभी देशों की सरकार ने इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए अपने-अपने देशों में सभी कुछ बंद कर दिया। ऐसी स्थिति में वह लोग जिनकी सुबह अपने कार्य करते-करते रात में बदल जाती थी, उनका जीवन मानों थम सा गया है। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि वह क्या करें। घर पर रह कर हम क्या-क्या उपयोगी कार्य कर सकते हैं।
भारत में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल खेले जाते हैं। क्रिकेट इन्हीं खेलों में से भारत में खेला जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय खेल है। भारत में लोगों में क्रिकेट की दिवानगी है। यह एक लोकप्रिय खेल है जिसे सर्वाधिक दर्शक देखते हैं। इसमें हर टीम में कप्तान को लेकर 11 खिलाड़ी होते हैं। आज हम क्रिकेट टीम के सर्वप्रिय 6 कप्तानों के विषय में चर्चा करने जा रहे हैं।
वर्तमान युग हो अथवा प्राचीन काल महिलाओं और उनके सजने सँवरने में चोली दामन का साथ है। आज के समय में महिलाएँ अपने सौंदर्य को सँवारने के लिए ब्यूटी पार्लर का सहारा लेती हैं। लेकिन प्राचीन काल में जब ब्यूटी पार्लर नहीं थे तब महिलाएँ अपने सौंदर्य को कायम रखने को क्या करती थीं? कहते हैं प्राचीनकाल में भारत में अपार बेजोड़ सुंदरता थी। उस समय की महिलाएँ अपनी सुंदरता को निखारने के लिए जिन वस्तुओं का इस्तेमाल करती थीं उन्हीं में से कुछ के विषय में आज हम चर्चा करने जा रहे हैं।
वास्तविक खूबसूरती क्या है बाहरी या आंतरिक शारीरिक या मानसिक? सुंदरता क्या है यह बताया नहीं जा सकता। किसी का रूप सुंदर है तो किसी का मनोमस्तिष्क। आज हम ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जिनके पास दिमाग के साथ सौंदर्य भी है-
त्वचा की अगर ठीक से देख-भाल न हो तो वह रूखी और दाग-धब्बे वाली हो जाती है। इसकी प्राकृतिक नमी समाप्त हो जाती है और चेहरा बेजान सा हो जाता है। ऐसा होते ही लोग तरह-तरह की क्रीम और रासायनिक उपचार आरंभ कर देते हैं। जबकि हमारे घर में अनेक ऐसी वस्तुएँ हैं जो न केवल त्वचा का उपचार कर सकती हैं वरन उनके उपयोग से चेहरा दमकने लगता है।
हमारा देश भारत अत्यंत प्राचीन देश है। इसकी सभ्यता और संस्कृति भी बहुत पुरानी है। यहाँ अनेक राज्य हैं। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी एक अलग पहचान है जो भोजन, भाषा, पोशाक से व्यक्त होती है। इन विविधताओं के होते हुए भी संपूर्ण भारत एक है। यहाँ के वासी अनेकता में एकता पर विश्वास रखते हैं। आज हम इन विभिन्न राज्यों की महिलाओं के परिधान के विषय में जानेंगे।
भारत के शाकाहारी व्यंजन विश्व प्रसिद्ध हैं। शाकाहार का अर्थ होता है ऐसा भोजन जो वनस्पति पर आधारित हो तथा पशुओं से प्राप्त होने वाली ऐसी वस्तु जिससे किसी प्राणी का जन्म न हो, जैसे-शहद, दूध आदि। आज हम आपको भारतीय रसोई में बनने वाले...
एक लंबे समय से मेरी सोच थी कि सिर्फ अप्रसिद्ध सामान्य लोगों के ही ‘सेलेब क्रश’ होते हैं। और, एक बार जब आप इस फिल्म उद्योग में स्थान बना लेते हैं तो लंबे समय तक हाॅलीवुड अभिनेता आप के क्रश नहीं रहते। आपके उनके सहयोगी बनने से पहले तक, ये वे लोग हैं जिनके आप कुछ समय के लिए प्रशंसक हैं। हमें पता चलता है कि हमारा इन हाॅलीवुड क्रश पर एकाधिकार नहीं है। सेलेब्स के दूसरे सेलेब्स से भी क्रश है और आज हम बाॅलीवुड सेलेब्स और उनके हाॅलीवुड क्रश के विषय में चर्चा करने जा रहे हैं।
हिन्दु, जैन और बौद्ध साहित्य के ’सन्तिका’ शब्द से साड़ी का विकास हुआ। साड़ी भारतीय महिलाओं का एक परिधान है जिसकी लंबाई 5.5 मीटर से 9 मीटर होती है। जिसे चोली और साये के साथ पहना जाता है। इसको पहनने की विभिन्न शैलियाँ हैं। साड़ी को भारतीय महिलाओं के सांस्कृतिक पहनावे के रूप में भी जाना जाता है। भारत में अनेक तरह की साड़ियाँ बनती है। हम आपको ऐसी ही आठ साड़ियों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनसे हर भारतीय महिला अपनी अलमारी को सुसज्जित रखना चाहती है।
भारतीय पकवान शास्त्र का जिक्र आते ही बरबस ही सुगंधित और समृद्ध पकवानों की याद आ जाती है, जिन्हें कई तरह के मसालों में मिलाकर पकाया जाता है। यह मसाले भोजन को रंगने और स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ उसे संरक्षित भी करते हैं। इनसे भोजन सुगंधित होता है।