जब सौंदर्य, प्रतिभा और प्रेम की बात आती है तो सूर्या और ज्योतिका एक ऐसी जोड़ी हैं जिनकी लोगों में बड़ी चाहत है। वे एक पावर कपल हैं, जो साउथ इंडियन फ़िल्म इंडस्ट्री में सबके दिलों पर राज करते हैं। लेकिन न सिर्फ उनके लुक्स पर उनका आपस में प्यार भी उन्हें स्टैंड आउट करते हैं। यह लेख इस पावर कपल की सफलता, उपलब्धियों, और उनके रिश्ते के बारे में आपको जानकरी देगा।
जन्म और परिवार
दिग्गज तमिल अभिनेता शिवकुमार के बेटे सूर्या हमेशा से जादुई रहे हैं, जिससे उन्हें दक्षिण भारत में एक बड़ा और समर्पित प्रशंसको का जुट हासिल हुआ है। यहां तक कि बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान को भी इस शर्मीले एक्टर के डाउन-टू-अर्थ स्वभाव और शानदार परफॉर्मेंस ने प्रभावित किया है।
ज्योतिका डॉक्टरों के परिवार से आती हैं; उनके पिता एक बाल रोग विशेषज्ञ हैं, और उनकी मां एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। ज्योतिका की एक बहन है जिसका नाम नगमा है, जो भी दक्षिण भारतीय फ़िल्म उद्योग में एक अभिनेत्री है। उसे इंडस्ट्री में काफ़ी प्रसिद्धि मिली है!
फ़िल्म करियर शुरूआत
सूर्या और ज्योतिका ने लगभग एक ही समय के दौरान फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत की थी। ज्योतिका ने 1998 में तमिल फ़िल्म ‘डोली सजा के रखना’ में डेब्यू किया था, जबकि सूर्या ने मणि रत्नम की ‘नेरुक्कू नेर’ में अभिनय की शुरुआत की थी, जब वह महज़ 22 साल के थे। हालांकि तमिल फ़िल्म ‘पूवेल्लम केट्टुप्पर’ के सेट पर जब दोनों की मुलाकात हुई तो और वही दोनों में प्यार हो गया।
उनकी सफल ऑन-स्क्रीन जोड़ी
सूर्या जल्द ही दक्षिण भारतीय फ़िल्म उद्योग में सबसे अधिक डिमांड में रहनेवाले अभिनेताओं में से एक बन गए, जो “काखा काखा”, “ग़जिनी” और “सिंघम” जैसी फ़िल्मों में अद्भुत प्रदर्शन कर रहे थे, ज्योतिका ने भी “चंद्रमुखी”, “मोझी,” और “36 व्याधिनिले” जैसी फ़िल्मों में अपने प्रभावशाली अभिनय कौशल से नाम कमाया था।
सूर्या और ज्योतिका एक साथ कई सफल फ़िल्मों का हिस्सा रहे हैं जैसे की “काखा काखा” सहित,”सिल्लूनु ओरू कढाल,” और “मौनम पेसियाधे” उनकी ऑन-स्क्रीन जोड़ी हमेशा से दर्शकों में हिट रही है और उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री भी बेस्ट है।
जब दो दिल मिले- एक जादु सा छा गया
सूर्या और ज्योतिका की प्रेम कहानी कुछ ऐसी है के जिसे पाने की कई लोग आकांक्षा रखते हैं। ज्योतिका और सूर्या की मुलाकात दूसरी बार 2001 में हुई थी, जब ज्योतिका ने सूर्या को उस सेट से गुज़रते हुए देखा जहां वह फ़िल्म कर रही थीं और उसने अपने सहायक को उन्हें बुलाने के लिए भेजा था। अपने दूसरे गेट-टूगेधर में कुछ मिनटों के चिटचैट के बाद, वे तुरंत ही दोस्त बन गए थे। सूर्या ने ज्योतिका को अपने इनर सर्कल में मिलाना शुरू कर दिया था और एक पॉइंट के बाद उसे अपनी पार्टियों में आमंत्रित करने लगा था।
2001 में ज्योतिका ने सूर्या की फ़िल्म “नंधा” के प्रीमियर में जाकर फ़िल्म देखी थी। फ़िल्म में हीरोइन का किरदार निभानेवाली ज्योतिका उसके अभिनय से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने निर्देशक की अगली फ़िल्म “काखा काखा” (जॉन अब्राहम और जेनेलिया देशमुख अभिनीत हिंदी फ़िल्म “फोर्स” का तमिल रूपांतरण) के लिए सूर्या की कास्टिंग का सुझाव दिया।
उनकी लव स्टोरी और मैरेज सेरेमनी
“काखा काखा” फ़िल्म करते समय दोनों की मुलाकात हुई और प्यार हो गया। फ़िल्म की रिलीज़ के बाद अफवाह उड़ी थी कि यह जोड़ी सगाई कर चुकी है। सूर्या और ज्योतिका ने कथित तौर पर एक छोटे से समारोह में सगाई कर ली थी ताकि वह अपने माता-पिता को उनके रिश्ते को स्वीकार करने के लिए कुछ और समय दे सके। ‘काखा काखा’ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फ़िल्म बन गई थी। इन दोनों की जोड़ी बॉलीवुड में सबसे ज्यादा इन-डिमांड एक्टर्स में शुमार की जाती है।
11 सितंबर, 2006 को चेन्नई के पार्क शेराटन होटल में एक सुंदर समारोह में, सूर्या और ज्योतिका ने अपनी शादी के वचनों को निभानें की कसम खाईं। उनकी शादी एक भव्य इवेंट थी जिसमें कई हस्तियों ने भाग लिया था और शहरभर में इस बात की ही चर्चा थी। लेकिन एक-दूसरे के प्रति उनका प्यार फिल्म इंडस्ट्री की चमक-दमक से परे है।
उनका अटूट रिश्ता
सूर्या और ज्योतिका का बंधन अटूट है। वे हमेशा एक-दूसरे के करियर को सपोर्ट करते रहे हैं और एक-दूसरे के स्ट्रॉंग सपोर्टिंग पिलर रहे हैं। शादी के बाद, ज्योतिका ने फ़िल्म उद्योग को छोड़ दिया और मुंबई से शिफ्ट होकर चेन्नई में रहने लगी,13 साल की खुशहाल शादीशुदा जिंदगी के बाद यह आकर्षक जोड़ी सबकी प्रेरणा बन चुकी है।
परिवार के लिए उनका प्यार
सूर्या और ज्योतिका अपने दो बच्चों दीया और देव के लिए आदर्श माता-पिता हैं। वे हमेशा अपने बच्चों की परवरिश में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं और अपनी प्रसिद्धि और सफलता के बावजूद उन्हें सामान्य बचपन देना उन्होंने सुनिश्चित किया है। उन्हें देखकर हम देख सकते हैं कि प्रेम खूबसूरत चीज़ है और शादी के लिए सिर्फ यह ही जरुरी चीज़ है।
उनका परोपकारी सेवा कार्य
सूर्या और ज्योतिका अपने परोपकारी कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पर्यावरण सहित विभिन्न सामाजिक कार्यों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अगरम फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य वंचित बच्चों को सशक्त बनाना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
सारांश
शादी के 14 साल के बाद भी इस कपल की रोमेंटिक केमिस्ट्री और रिलेशनशिप गोल्स नए फॉलोअर्स का मन जीतते रहते हैं। सूर्या और ज्योतिका न सिर्फ एक खूबसूरत जोड़ी हैं बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा भी हैं। एक-दूसरे के प्रति उनका प्यार, अपने परिवार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और परोपकार के काम, यही वजह है कि वे फ़िल्म इंडस्ट्री में सिर्फ पावर कपल नहीं है बल्कि असल जिंदगी में भी पावर कपल हैं।