मीना कुमारी ने अपने आखिरी दिनों में जो फैसला लिया, वह केवल एक संपत्ति का सौदा नहीं था, बल्कि एक भावनात्मक विरासत थी। मुमताज़ को सौंपा गया उनका बंगला, उनके जीवन की सबसे गहरी सच्चाइयों में से एक को बयां करता है – एक दर्दभरी, मगर दिल को छू जाने वाली कहानी।
