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सायरा बानो का दिल छू लेने वाला सफर – दिलीप कुमार के साथ प्यार और फ़िल्म इंडस्ट्री से दूर रहने का फैसला!

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सायरा बानो ने दिलीप कुमार से शादी के बाद भी कई फ़िल्मों में काम किया। वे सुबह-सुबह शूटिंग के लिए निकल जाती थीं। एक समय ऐसा आया जब वे इतनी व्यस्त हो गईं कि दिलीप साहब के साथ एक कप चाय भी नहीं पी पाती थीं। ऐसे में उन्होंने महसूस किया कि अब बस बहुत हुआ और उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला कर लिया। 

दिलीप कुमार से शादी और फ़िल्मों को अलविदा

सायरा बानो ने 1960 के दशक में हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री पर राज किया। 1966 में उन्होंने दिलीप कुमार से शादी की और फिर 1988 में फ़िल्मों से रिटायर हो गईं। सायरा के मुताबिक, दिलीप साहब के जाने के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। उनके अनुसार, “पहले जो जिंदगी रही है, अब उससे बहुत अलग माहौल है। यादें ही अब मेरे लिए सब कुछ हैं।”

इंस्टाग्राम पर क्यों आईं सायरा बानो?

जुलाई 2023 में सायरा बानो ने इंस्टाग्राम जॉइन किया, जहाँ पर उनके 70,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं। उन्होंने बताया कि उनके करीबियों ने उन्हें सलाह दी कि दिलीप साहब से जुड़ी बेहतरीन यादें दुनिया से शेयर करने के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर आना चाहिए। सायरा ने कहा, “दिलीप साहब के इतने फैंस हैं कि पूछिए मत। उनके जाने के बाद भी लोग उनके लिए उपवास रखते हैं, उन्हें दुआओं में याद रखते हैं। मुझे और क्या चाहिए।”

दिलीप कुमार का बर्थडे याद न रखने का अनोखा किस्सा

दिलीप कुमार अक्सर जन्मदिन और एनिवर्सरी की तारीख भूल जाया करते थे। सायरा बानो ने बताया, “फैंस खास दिनों पर खूब फूल और गुलदस्ते भेजा करते थे, जिससे घर भर जाता था। दिलीप साहब चाय पीते-पीते पूछते थे कि सायरा, आज क्या कोई खास दिन है?”

मैं हमेशा मुस्कुराते हुए उन्हें बताती, “यूसुफ मियां (दिलीप कुमार), आज आपका जन्मदिन है।” और जब मेरा जन्मदिन आता, तो मैं हंसते हुए कहती, “हां यूसुफ मियां, आज शायद मेरा भी जन्मदिन है।” इस पर वह मुझसे सॉरी कहते और फौरन कार में बैठकर मेरी भतीजी शाहीन के साथ वह बाज़ार जाकर मेरे लिए गुलदस्ता और खूबसूरत साड़ी या जोड़ा खरीदकर लाते थे। 

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शम्मी कपूर की डांट और सायरा बानो की आंखों में आंसू

फ़िल्म ‘जंगली’ की शूटिंग के दौरान सायरा बानो नई थीं और स्कूल से निकली ही थीं। लंदन में पढ़ाई के बाद उन्होंने फ़िल्मों में काम करने का फैसला किया था। ‘जंगली’ का पहला शेड्यूल कश्मीर में हुआ, जहाँ ‘कश्मीर की कली हूं मैं’ गाने की शूटिंग के दौरान बहुत भीड़ इकट्ठा हो गई। 

सायरा बानो ने कहा, “मैं भीड़ देखकर घबरा गई और रोने लगी। शम्मी जी ने सोचा कि थोड़ी सख्ती दिखाकर मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाया जा सकता है। इसलिए उन्होंने गुस्से का नाटक करते हुए मुझसे कहा, “यह क्या हो रहा है? अगर इतनी शर्मीली हो, तो घर पर जाकर बैठो, जिससे मैं और रो पड़ी। लेकिन फिर मैंने खुद को संभाला और शॉट दिया।”

फ़िल्मों को अलविदा कहने का मुश्किल फैसला

सायरा बानो ने फ़िल्म ‘पूरब और पश्चिम’ में मनोज कुमार के साथ काम किया। उस वक्त फ़िल्मों में काम करना मुश्किल हो रहा था, लेकिन दिलीप साहब की इजाज़त के बाद उन्होंने इस फ़िल्म में काम किया। सायरा ने कहा, “सुबह शूटिंग के लिए निकल जाती थी और दिलीप साहब के साथ चाय पीने का वक्त भी नहीं निकाल पाती थी, इसलिए मैंने फ़िल्मों में काम न करने का फैसला किया।”

शाहरुख खान और अन्य पसंदीदा सितारे

सायरा बानो ने बताया कि अब वे बहुत कम फ़िल्में देखती हैं। उन्होंने आयुष्मान खुराना की ‘दम लगा के हइशा’ की तारीफ़ की। शाहरुख खान उनके पसंदीदा एक्टर हैं और उन्हें ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी फ़िल्मों में बेहद पसंद आते हैं।

सायरा बानो की यह कहानी न केवल उनके जीवन की एक झलक प्रस्तुत करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि उन्होंने अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में किस प्रकार की चुनौतियों का सामना किया है।

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