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राज कपूर ने पोती करिश्मा से मिलने के लिए रखी थी एक शर्त, जानें क्या थी वो खास शर्त!

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राज कपूर, हिंदी सिनेमा के शोमैन, न केवल एक शानदार फिल्मकार थे बल्कि अपने परिवार के हर सदस्य के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उनके बेटे रणधीर कपूर ने जब 1971 में अभिनेत्री बबीता से विवाह किया, तो राज कपूर ने उनका पूरा समर्थन किया। 1974 में जब उनके घर में उनकी पहली पोती करिश्मा कपूर का जन्म हुआ, तो यह कपूर परिवार के लिए एक जश्न का मौका था। हालांकि, इस खुशी के मौके पर एक दिलचस्प घटना हुई, जब राज कपूर खुद अस्पताल नहीं पहुंचे। बबीता ने बाद में इसका कारण बताया और यह भी बताया कि उन्होंने अपनी पोती से मिलने के लिए एक अनोखी शर्त रखी थी।

बबीता और राज कपूर का अनमोल रिश्ता

राज कपूर का बबीता के परिवार से एक खास रिश्ता था। बबीता ने अपनी किताब “राज कपूर: द वन एंड ओनली शोमैन” में इस रिश्ते को याद करते हुए कई बातें साझा की हैं। बबीता ने बताया कि उनके पिता हरि शिवदासानी और राज कपूर अच्छे दोस्त थे और वे अक्सर साथ में टेनिस खेलते थे। खेल के बाद, राज कपूर उनके घर भी आते थे। इस दौरान बबीता ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि कैसे वह राज कपूर की गोद में बैठतीं और अपने भविष्य की बातें करतीं। जब बबीता ने उन्हें बताया कि वह बड़ी होकर एक अभिनेत्री बनना चाहती हैं, तो राज कपूर ने उन्हें प्रोत्साहित किया और कहा कि वह एक दिन बड़ी स्टार बनेंगी।

करिश्मा और दादाजी का खास रिश्ता

बबीता ने यह भी बताया कि करिश्मा, जिनका प्यार से नाम लोलो है, का भी अपने दादाजी के साथ ऐसा ही रिश्ता था। करिश्मा जब छोटी थीं, तब राज कपूर उनसे वही सवाल करते कि वह बड़ी होकर क्या बनना चाहेंगी। करिश्मा भी कहतीं कि वह एक अभिनेत्री बनना चाहती हैं। इस पर राज कपूर मुस्कराते हुए कहते कि एक दिन तुम भी बड़ी स्टार बनोगी। बबीता ने कहा कि यह एक अजीब संयोग था कि जिस तरह से राज कपूर ने उन्हें प्रोत्साहित किया था, उसी तरह उन्होंने करिश्मा को भी प्रोत्साहित किया।

करिश्मा के जन्म पर रखी गई अनोखी शर्त

जब 1974 में बबीता ने करिश्मा को ब्रीच कैंडी अस्पताल में जन्म दिया, तो पूरा कपूर परिवार वहां मौजूद था। लेकिन राज कपूर, जो कि अपनी पोती के जन्म पर बहुत खुश थे, अस्पताल नहीं आए। बबीता ने इस बात का खुलासा किया कि राज कपूर ने एक अनोखी शर्त रखी थी – वे केवल तभी अस्पताल आएंगे जब नवजात शिशु की आंखें नीली होंगी। यह सुनकर परिवार हैरान था, लेकिन जब करिश्मा का जन्म हुआ और उनकी गहरी नीली आंखें देखी गईं, तब सभी ने राहत की सांस ली। बबीता ने कहा, “भगवान का शुक्र है कि लोलो की आंखें मेरे ससुर की तरह गहरी नीली थीं।” राज कपूर की यह शर्त उनके मजाकिया और अनोखे अंदाज को दर्शाती है।

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राज कपूर का परिवार के प्रति समर्पण

राज कपूर का परिवार के प्रति प्यार और उनका अनोखा अंदाज हमेशा सबके लिए प्रेरणादायक रहा है। उनके अपने परिवार के सदस्यों के साथ रिश्ते, चाहे वह बबीता हों या करिश्मा, हमेशा से ही गहरे और भावुक रहे हैं। वह अपने परिवार की खुशी और सफलता में अपना योगदान देना हमेशा पसंद करते थे। बबीता ने इस बात का भी जिक्र किया कि राज कपूर हमेशा अपनी पोती और परिवार के अन्य सदस्यों को प्रोत्साहित करते रहते थे और उनके सपनों को उड़ान देने में अपना पूरा समर्थन देते थे।

करिश्मा कपूर की विरासत

आज करिश्मा कपूर बॉलीवुड की एक मशहूर अभिनेत्री हैं और उन्होंने अपने दादाजी की उम्मीदों को बखूबी पूरा किया है। राज कपूर का विश्वास और उनका आशीर्वाद करिश्मा के करियर में हमेशा एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में रहा है। अपने दादाजी की इस अनोखी शर्त को याद करते हुए करिश्मा कपूर भी अपनी विरासत और अपने परिवार के प्रति गर्व महसूस करती हैं।

राज कपूर का अपने परिवार के प्रति प्यार, उनका मजाकिया स्वभाव और उनकी अनोखी शर्तों ने उन्हें एक खास इंसान बना दिया था। उनकी पोती करिश्मा से मिलने के लिए नीली आंखों की शर्त रखना उनके व्यक्तित्व का एक अनोखा पहलू था, जो उन्हें सबके बीच में अलग बनाता था। यह कहानी न केवल राज कपूर के अपने परिवार के प्रति प्रेम को दर्शाती है बल्कि उनके मजेदार और अनोखे अंदाज को भी दिखाती है।

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