≡ 9 साधारण महिलाएँ जो कुछ असाधारण कर रही हैं 》 Her Beauty

9 साधारण महिलाएँ जो कुछ असाधारण कर रही हैं

Advertisements

हर इंसान साधारण से असाधारण बनने का इच्छुक होता है। साधारण से असाधारण बनने का एकमात्र सूत्र कठिन परिश्रम है। जो इंसान विघ्नों से हारकर बैठ जाता है वह साधारण ही रहता है। लेकिन जो इंसान खतरों का सामना कर लगातार प्रयास कर विघ्नों को पार करता है वह असाधारण हो जाता है। आज हम ऐसी कुछ साधारण महिलाओं के विषय में चर्चा करने जा रहे हैं जो अपने प्रयासों से कुछ असाधारण कर गईं।

  1. प्रीतिपाटकर

साधारण से असाधारण करने की सूची में हमारा पहला नाम है 1964 में मुंबई में जन्मी प्रीति पाटकर का जिन्हें प्रीति ताई के नाम से भी जाना जाता है। प्रीति ताई एक साधारण गृहणी हैं जिन्होंने मुंबई के लाल बत्ती इलाके में एक संस्था आरंभ की है। यहाँ की कामगार महिलाओं के बच्चों के लिए उन्होंने बाल देख-भाल केन्द्र आरंभ किया है। इन्होंने प्रेरणा संस्था की स्थापना की है जो यौन-शोषण और तस्करी के शिकार बच्चों की सुरक्षा का कार्य करती है।

  1. प्रतिमादेवी

पिछले 30 वर्षों से दिल्ली में रहने वाली प्रतिमा देवी कूड़ा बिनने का काम करती हैं। इनके लगभग 400 मित्र हैं जिनकी देखभाल में यह अपना सारा धन और समय खर्च करती हैं। इनके मित्र इनके घर के आस-पास के कुत्ते हैं। दिल्ली में यह ‘दिल्ली की डाॅग लेडी’ के रूप में जानी जाती हैं।

  1. रिचासिंह

रिचा सिंह के अनुसार चुनौती वाले कार्य तथा कठिन समस्याएँ उन्हें आकर्षित करते हैं। उन्हें ऐसी समस्याएँ सुलझाना और उनका सरल समाधान ढूँढना पसंद है। आई.आई.टी. की पूर्व छात्रा रिचा ने अवसाद से लड़ रहे देश की 36 प्रतिशत आबादी के कष्ट को समझते हुए योर दोस्त डाट काम की स्थापना की जो अवसाद ग्रसित लोगों की समस्याओं का सरल समाधान बताती है।

  1. रियाशर्मा

’सेविंग फेस’ नामक पाकिस्तानी वृत्तचित्र से प्रभावित होकर रिया ने ‘मे ’लव नाॅट स्कार्स’ आरंभ किया। इसमें एसिड के शिकार लोग जो आज सम्मान के साथ जीवन जी रहे थे वह अपनी कहानी लोड कर सकते थे। जल्द ही उनका यह प्रयास सफलता पाकर एक श्रृंखला बन गया। आज वह इन लोगों के नए जीवन की शुरूआत के लिए धन एकत्र कर रही हैं।

Loading...

  1. शैलाघोष

85 वर्ष की शैला घोष ने अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु के पश्चात उसके परिवार की देख-रेख का बीड़ा उठाया। परिवार के पालन-पोषण के लिए भीख माँगने के स्थान पर उन्होंने अपने घर से दो घंटे की दूरी पर तले आलू बेचने शुरू कर दिए। इनका मानना है कि यह कार्य करने के लिए वह स्वस्थ हैं।

  1. प्रेमलताअग्रवाल

दो बेटियों की माँ होने के साथ प्रेमलता अग्रवाल माउंट एवरेस्ट पर चढने वाली सबसे अधिक आयु की महिला हैं। इन्होंने चढाई करने के लिए जिम जाना आरंभ किया और अपने दृढ संकल्प से एवरेस्ट पर चढने में सफल हुईं।

  1. जमीदाटीचर

केरल मलप्पुरम की जमीदा ने इतिहास में पहली बार 2018 की जनवरी में जुमे की नमाज की अगुवाई की तथा जुमे की नमाज अदा करने वाली पहली महिला इमाम बन गईं।

  1. सृष्टिबख्शी

इन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिए हांग-कांग की नौकरी छोड़ दी और भारत आ गईं। कन्या कुमारी से कश्मीर तक महिलाओं की सुरक्षा तथा लैंगिक समानता का संदेश नागरिकों तक पहुँचाया।

  1. तान्या सान्याल

कलकत्ता की तान्या सान्याल को 2018 में हवाई अड्डा प्राधिकरण ने पहली महिला अग्नि योद्धा के रूप में नियुक्त किया है। यहाँ पर विमानों के उतरने के लिए, अग्निशमन सेवा के 3310 कर्मचारी हैं जिनमें से एक तान्या सान्याल हैं।

Advertisements