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नोरा फ़तेही के जीवन के कुछ ऐसे सच जो जानकर आप विश्वास नहीं करेंगे, क्या ऐसा भी हो सकता है?! 

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 नोरा फ़तेही इस नाम को अब परिचय की ज़रुरत नहीं है।  अपनी सुंदरता, अदाकारी और मेहनत से मनोरंजन विश्व में वह अपना सिक्का जमा चुकी हैं। नोरा फतेही भारतीय मनोरंजन उद्योग में एक सनसनी बन गई हैं! नोरा के बारे में आज वो जानकारियां आपको बताएँगे जो आपको चौंका देंगी। 

क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटे से गांव की लड़की ग्लोबल आइकन कैसे बन सकती है? एक छोटे शहर की लड़की से बॉलीवुड स्टार तक का उनका सफर उल्लेखनीय है। वह न केवल इंडो-मोरक्कन मूल की एक उत्कृष्ट डांसर और अभिनेत्री हैं, बल्कि वह एक क्लास टॉपर और मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव भी रह चुकी हैं!

आइए नोरा फतेही के बारे में कुछ तथ्यों पर नज़र डालें।  

1. मल्टीकल्चर परिवार में बड़ी हुईं 

नोरा फ़तेही का स्टारडम तक का सफर उनकी विरासत की तरह ही विविधतापूर्ण है। नौरा फ़तेही, उर्फ नोरा, कनाडा में जन्मी मोरक्कन महिला हैं, जिनका जन्म 6 फरवरी 1992 को टोरंटो में हुआ था। उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा टोरंटो के वेस्टव्यू सेंटेनियल सेकेंडरी स्कूल में पूरी की। उन्होंने टोरंटो में यॉर्क विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा जारी रखने का प्रयास किया लेकिन आख़िरकार  ऐसा न करने का निर्णय लिया।

कनाडा में मोरक्कन माता-पिता के यहाँ जन्मी नोरा को कई संस्कृतियों का ज्ञान मिला, जिससे उनके मुक्त विचारधारा, दृष्टिकोण और कलात्मक संवेदनाओं को महत्वपूर्ण रूप से आकार मिला। उनका मल्टीकल्चरल बैकग्राउंड उनके दृढ़ता से काम करने की वृत्ति में प्रतिबिंबित होता है, जिससे उनके पर्फोर्मंस में  गहराई और प्रामाणिकता जुड़ जाती है।

2. डांस दिवा से एक्टिंग सेंसेशन तक का सफर 

2014 की बॉलीवुड फ़िल्म “रोर: टाइगर्स ऑफ द सुंदरबन्स” नोरा की पहली फीचर फ़िल्म थी! लेकिन “बाहुबली: द बिगिनिंग,” “सत्यमेव जयते,” और “‘स्ट्रीट डांसर 3डी” जैसी हिट फ़िल्मों में उनके नृत्य ने उन्हें स्टारडम तक पहुंचा दिया। नोरा फ़तेही ने  बॉलीवुड  फ़िल्मों में पहली बार “दिलबर दिलबर” और “ओ साकी साकी!” जैसे अपने शानदार हिट डांस नंबरों से लोगों का ध्यान खींचा।

उन्होंने यूट्यूब पर लाखों व्यूज़ बटोरे हैं और हिट चार्ट पर अपना दबदबा बनाए रखा है। उनके अद्भुत नृत्य कौशल और चुंबकीय स्टेज प्रेसन्स ने उन्हें तेजी से लोकप्रिय कलाकारों की श्रेणी में पहुंचा दिया। डांस से अभिनय कारकिर्दी में सहजता से बदलाव करते हुए, नोरा ने “स्ट्रीट डांसर 3डी” और “भारत” जैसी फ़िल्मों में अपनी भूमिकाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।

3. बॉलीवुड की सभी चुनौतियों को पार करना  

नोरा फ़तेही की बॉलीवुड में प्रसिद्धि बढ़ना उनके अथक समर्पण और अटूट जुनून का प्रमाण है। फ़िल्म उद्योग में एक बाहरी व्यक्ति के रूप में, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन वह उल्लेखनीय फ़्लेक्सिबिलिटी के साथ डटी रहीं। नोरा की सफलता की कहानी महत्वाकांक्षी कलाकारों को निडर होकर अपने सपनों को आगे बढ़ाने और अपने व्यक्तित्व की विशिष्टता को सांझा करने के लिए प्रेरित करती है।

अपने ग्लैमरस व्यक्तित्व से परे, एक पॉडकास्ट उपस्थिति में नोरा ने व्यक्तिगत समस्याओं पर काबू पाने के बारे में उनकी स्पष्ट विचारधारा को प्रदर्शित किया। उन्होंने अपने करियर के सफर के दौरान अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की और विपरीत परिस्थितियों में दृढ़ता और आत्म-विश्वास के महत्व पर जोर दिया।

4. ग्लोबल आइकन

नोरा फ़तेही की लोकप्रियता सीमाओं से परे है। विभिन्न महाद्वीपों में बड़ी संख्या में प्रशंसकों का दिल उन्होंने जीता है, वह मनोरंजन क्षेत्र में विविधता और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करने वाली एक ग्लोबल आइकन बन गई हैं। उनका जादुई करिश्मा और अपनी कला के प्रति समर्पण दुनिया भर में दिल जीतता रहता है।

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5. अगेंस्ट द विंड : नारीवाद पर नोरा की एक अलग सोच 

रणवीर अल्लाहबादिया के साथ हाल ही में पॉडकास्ट के दौरान, नोरा फ़तेही ने नारीवाद पर अपने अपरंपरागत विचार से तहलका मचा दिया! नोरा ने समाज के कठोर मापदंडो से अनुरूप हुए बिना व्यक्तित्व और समावेशिता को अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

बियरबाइसेप्स पॉडकास्ट पर, उन्होंने कहा, “मुझे किसी की ज़रूरत नहीं है, मैं नारीवाद के यह विचार में विश्वास नहीं करती। मुझे लगता है कि नारीवाद हमारे समाज को खराब कर रहा है। स्वाभाविक रूप से पूरी तरह से विचार-स्वतंत्र होने का अर्थ यह नहीं है कि शादी करने और बच्चे पैदा करने की ज़रूरत नहीं, और घर में पुरुष और महिला की भूमिका निर्धारित नहीं है, जहां पुरुष प्रदाता है, कमाने वाला है और महिला पालन-पोषण करने वाली है, मैं उन लोगों पर विश्वास नहीं करती जो सोचते हैं कि यह सच नहीं है। मुझे लगता है कि महिलाओं की भूमिका  पालन-पोषण करने वाली होती हैं, हां, उन्हें काम पर जाना चाहिए और अपना जीवन जीना चाहिए और स्वतंत्र होना चाहिए लेकिन कुछ हद तक।”

नोरा ने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं को दूसरों की देखभाल करने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं बचना चाहिए। उन्होंने कहा, उन्हें मां, पत्नी और देख़भाल करने वाली व्यक्ति बनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। सरल शब्दों में, उन्हें सबका ख़याल रखना चाहिए। ठीक उसी तरह जैसे एक पुरुष को एक प्रदाता, एक कमाने वाला और एक पिता और एक पति बनने की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए।” हम इसे पुराने ढंग की, पारंपरिक सोच कहते हैं। मैं इसे सोचने का सामान्य तरीका कहती हूं। यह सिर्फ नारीवाद है। हम सभी भावनात्मक स्तर पर  समान हैं, लेकिन सामाजिक चीजों में , हम समान नहीं हैं। नारीवाद स्वाभाविक रूप से, बुनियादी स्तर पर, महान है। मैं भी महिलाओं के अधिकारों की वकालत करती हूं, मैं भी चाहती हूं कि लड़कियां स्कूल जाएं, हालांकि, जब नारीवाद कट्टरपंथी हो जाता है, तो यह समाज के लिए खतरनाक हो जाता है।”

तो, यह स्पष्ट था कि, वह नारीवाद के खिलाफ हैं और इसने उन्हें सुर्खियों में ला दिया!

6. नोरा की पॉडकास्ट उपस्थिति का प्रभाव

“द रणवीर शो” में नोरा फ़तेही के स्पष्ट खुलासों ने नारीवाद और व्यक्तित्व के बारे में विचारोत्तेजक चर्चाओं  को जन्म दिया! लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं और अपनी राय साझा कर रहे हैं! वह पूरे इंटरनेट पर विवादों में आ गईं!

किसी ने इस बात का मज़ाक उड़ाया कि कबीर सिंह और एनिमल जैसी कथित स्त्रीद्वेषी फ़िल्मों के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा को कैसे अपनी आने वाली फ़िल्मों की कास्ट मिल गई है। 

 रेडिट सदस्य ने एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, “मैं बस दूर से जङ्ज कर रहा हूँ । वांगा को उसकी अगली नायिका मिल गई।”

एक अन्य समर्थक ने नोरा की बात पर आपत्ति जताई और स्त्री-पुरुष के लिए पारंपरिक सामजिक मानदंडों के प्रति उनके समर्थन और मनोरंजन क्षेत्र में सफल होने की उनकी महत्वाकांक्षाओं के बीच विरोधाभास की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने यह भी कहा, “नोरा फतेही कह रही हैं कि उनका मानना है कि महिलाओं को पालन-पोषण करने वाली व्यक्ति और पुरुषों को प्रदाता होना चाहिए, और पौरुषवाद कोई बुरी चीज नहीं है, और नारीवाद ने समाज को नष्ट कर दिया है… एक महिला के रूप में और एक ऐसी व्यक्ति के स्थान पर रहकर जो इंडस्ट्री में हर दिन बेहतर करियर बनाने प्रयास कर रही है – यहाँ सब कहना काफ़ी विरोधाभासी सुनाई पड़ता है। 

अपनी प्रतिक्रिया में, उन्होंने यह कहकर अपना बचाव किया कि वह कट्टरवादी नारीवाद के मुद्दे को संबोधित कर रही थीं। इससे यह विवाद स्पष्ट हो गया! इन सबके बीच, वह अपनी हालिया फ़िल्म मडगांव एक्सप्रेस की उपलब्धि के साथ, अपने प्रोफेशनल जीवन में बेहद सफल हैं, जिसमें प्रतीक गांधी, अविनाश तिवारी और दिव्येंदु मुख्य भूमिकाओं में हैं!

सारांश

नोरा फ़तेही की पॉडकास्ट उपस्थिति सिर्फ एक इंटरव्यू से कहीं अधिक थी। उन्होंने न सिर्फ नारीवाद पर चर्चा की, बल्कि अपने करियर, ग्रोथ और जीवन में सफलता के बारे में भी कई बातें साझा कीं! जैसे-जैसे वह जीवन में आगे बढ़ रही है और सबको प्रेरणा दे रही है, नोरा फ़तेही मनोरंजन क्षेत्र में एक काबिल वयक्ति बनी हुई है, पारंपरिक मापदंडो को चुनौती दे रही है और बॉलीवुड और उससे परे एक अमिट छाप छोड़ रही है!

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