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त्वचा को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज़ करने के लिए 7 जड़ी-बूटियाँ

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जड़ी-बूटियों का उपयोग सदियों से औषधीय और सौंदर्य प्रयोजनों के लिए किया जाता रहा है। ये जड़ी-बूटियां त्वचा की कई तरह की समस्याओं को दूर कर सकती हैं और आपको एक सुंदर और चमकदार त्वचा प्रदान कर सकती हैं। आप अपनी त्वचा की देखभाल के लिए जो भी स्किन केयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें छोड़कर इन प्राकृतिक जड़ी बूटियों को आज़माएं जो आपको चमकती त्वचा देगी।

  1. नीम

नीम अपने जीवाणुरोधी, कवकरोधी, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाती है। यह एक चमत्कारी जड़ी बूटी है जो कई सौंदर्य लाभ प्रदान करती है। नीम एक बेहतरीन प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है और यह त्वचा संबंधी विभिन्न समस्याओं जैसे कि कील- मुंहासा, त्वचा की सूजन, धब्बे, चकत्ते, खुजली, फोड़े आदि को ठीक करने में मदद करती है। साथ ही यह त्वचा को बैक्टीरियल इन्फेक्शन से भी बचाने में सहायक होती है।

2. पुदीना

पुदीना त्वचा संबंधी कई बीमारियों के इलाज के लिए दुनिया की सबसे पुरानी दवा के रूप में जाना जाती है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ए और सी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, जो शुष्क त्वचा को मॉइस्चराइज़ करता है और तैलीय त्वचा से अतिरिक्त तेल को कम करता है। साथ ही इसमें पाया जाने वाला मेन्थॉल त्वचा को ठंडा रखता है जो  त्वचा को कील-मुंहासा, चकत्ते आदि से बचाता है।

3. सौंफ

सौंफ में एंटीसेप्टिक के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाया जाता है। इस कारण से सौंफ का प्रयोग भी त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे – मुंहासों और पिंपल्स आदि से निदान दिलाने के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-एजिंग गुण भी होता है जो हमारी त्वचा को समय से पहले झुर्रियों और रेखाओं से बचाने में मददगार होता है।

4. कैमोमाइल

कैमोमाइल एक प्रकार की जड़ी बूटी है जिसका प्रयोग प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र के रूप में होता है। यह त्वचा को कूलिंग इफ़ेक्ट प्रदान करता है; इसलिए इसका प्रयोग त्वचा के सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल त्वचा की अन्य समस्याओं जैसे सोरायसिस, चकत्ते, मुँहासे, जलन, डंक, खरोंच और घावों के इलाज में भी किया जाता है।

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5. गेंदा

गेंदा या कैलेंडुला का प्रयोग भी प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र के रूप में होता है। फटी, और सूजन वाली त्वचा को ठीक करने के लिए यह सबसे प्रभावी जड़ी-बूटी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल गुण होता है। इसका उपयोग त्वचा के विभिन्न समस्याओं जैसे कि चकत्ते, एक्ज़िमा, सोरायसिस, काले धब्बे, और स्ट्रेच मार्क्स को कम करने के लिए किया जाता है।

6. इक्विसेटम

इक्विसेटम जिसे हॉर्सटेल या स्नेक ग्रास के नाम से भी जाना जाता है, का प्रयोग भी मॉइस्चराइज़र के रूप में किया जाता है। इसमें सिलिका पाई जाती है जो त्वचा को जवां और चमकदार बनाए रखने में मदद करती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में देरी करने में मदद करते हैं।

7. एलो वेरा

एलो वेरा या घृतकुमारी के हीलिंग गुण के कारण इसका प्रयोग एक प्राकृतिक पीड़ाहारक के रूप में किया जाता है। यह त्वचा को एक्सफोलिएट करके उसकी नमी को बनाए रखने में मदद करता है। इसे आप सीधे अपनी त्वचा पर या फिर पत्तियों से जेल निकालकर कर सकते हैं।

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